Hanuman Chalisa with Meaning | हनुमान चालीसा का पाठ जो भी मनुष्य सच्चे ह्रदय से और श्री बजरंगबली हनुमान जी पर सम्पूर्ण बिस्वास रखते हुए करता है. उस पर सदा ही बजरंगबली हनुमान जी की कृपा रहती है. कोई भी संकट उसका कभी भी बाल भी बांका नहीं कर सकती है.
कोई भी नकारात्मक और दुष्ट शक्ति उस व्यक्ति का बाल भी बांका नहीं कर सकती है. बजरंगबली श्री हनुमान सदा ही उसकी रक्षा करते हैं.
इस अंक में आप लोगों को हनुमान चालीसा हिंदी में ( Hanuman Chalisa in Hindi ) में मिलेगी. साथ साथ आपको हनुमान चालीसा का हिंदी अर्थ ( Hanuman Chalisa Hindi Meaning ) भी आपको मिलेगा. इसके साथ आपको हनुमान चालीसा का पाठ किस तरह से करें की दुष्ट और काली शक्तियों से हनुमान जी रक्षा करें. इसकी विधि बताई जायेगी.
हनुमान चालीसा के पाठ से क्या क्या लाभ होता है. इसकी भी जानकारी दी जायेगी.
Hanuman Chalisa in Hindi

हनुमान चालीसा एक अत्यंत शक्तिशाली मन्त्र या श्लोक है. हनुमान चालीसा के पाठ करने से ही समस्त भय का नाश हो जाता है. कलयुग में हनुमान चालीसा एक प्रभावी श्लोक मन्त्र है जो मनुष्य के लिए अति लाभदायक है.
हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित यहाँ प्रकाशित की जा रही है. हनुमान चालीसा का हो सके तो रोजाना पाठ करें और अगर संभव न हो तो कम से कम मंगलवार को इसका पाठ अवस्य करें.
सनिवार को भी आप हनुमान चालीसा का पाठ कर सकतें हैं.
आपके लिए हिंदी गीत में हनुमान चालीसा वीडियो | Hanuman Chalisa in Hindi Lyrics video for you
|| हनुमान चालीसा ||

|| दोहा ||
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि |
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ||
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन-कुमार |
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार ||
|| चौपाई ||

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥1॥
राम दूत अतुलित बलधामा,
अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥
महावीर विक्रम बजरंगी,
कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥
कंचन बरन बिराज सुबेसा,
कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥
हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे,
काँधे मूँज जनेऊ साजै॥5॥
शंकर सुवन केसरी नंदन,
तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥
विद्यावान गुणी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर॥7॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया,
राम लखन सीता मन बसिया॥8॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा,
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥
भीम रूप धरि असुर संहारे,
रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥
लाय सजीवन लखन जियाये,
श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई,
तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं,
अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥13॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा,
नारद, सारद सहित अहीसा॥14॥
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते,
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥15॥
तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा,
राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना,
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥17॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू,
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि,
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥
दुर्गम काज जगत के जेते,
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥
राम दुआरे तुम रखवारे,
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥21॥
सब सुख लहै तुम्हारी सरना,
तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥
आपन तेज सम्हारो आपै,
तीनों लोक हाँक ते काँपै॥23॥
भूत पिशाच निकट नहिं आवै,
महावीर जब नाम सुनावै॥24॥
नासै रोग हरै सब पीरा,
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै,
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥
सब पर राम तपस्वी राजा,
तिनके काज सकल तुम साजा॥27॥
|| हनुमान चालीसा ||

और मनोरथ जो कोइ लावै,
सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥
चारों जुग परताप तुम्हारा,
है परसिद्ध जगत उजियारा॥ 29॥
साधु सन्त के तुम रखवारे,
असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता॥31॥
राम रसायन तुम्हरे पासा,
सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥
तुम्हरे भजन राम को पावै,
जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥
अन्त काल रघुबर पुर जाई,
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥ 34॥
और देवता चित न धरई,
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥
संकट कटै मिटै सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं,
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥
जो सत बार पाठ कर कोई,
छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा,
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ 39॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा,
कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥
|| दोहा ||
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभुप॥
॥ Shri Hanuman Chalisa Lyrics॥
॥ Doha ॥
Shri Guru Charan Saroj raj
Nija manu Mukura sudhari ।
Baranau Raghuvar Bimal Jasu
Jo Dayaku Phala Chari ॥
Budheeheen Tanu Jannike
Sumiro Pavan Kumara ।
Bal Buddhi Vidya Dehoo Mohee
Harahu Kalesh Vikaar ॥
॥ Chaupai ॥
Jai Hanuman gyan gun sagar ।
Jai Kapis tihun lok ujagar ॥
Ram doot atulit bal dhama ।
Anjani putra Pavan sut nama ॥
Mahabir vikram Bajrangi ।
Kumati nivar sumati Ke sangi ॥
Kanchan varan viraj subesa ।
Kanan Kundal Kunchit Kesha ॥ 4
Hath Vajra Aur Dhwaja Viraje ।
Kaandhe moonj janeu saaje ॥
Sankar suvan kesri Nandan ।
Tej prataap maha jag vandan ॥
Vidyavaan guni ati chatur ।
Ram kaj karibe ko aatur ॥
Prabhu charitra sunibe ko rasiya ।
Ram Lakhan Sita man Basiya ॥ 8
Sukshma roop dhari Siyahi dikhava ।
Vikat roop dhari lank jalava ॥
Bhim roop dhari asur sanhare ।
Ramachandra ke kaj sanvare ॥
Laye Sanjivan Lakhan Jiyaye ।
Shri Raghuvir Harashi ur laye ॥
Raghupati Kinhi bahut badai ।
Tum mama priya Bharat-hi-sam bhai ॥ 12
Sahas badan tumharo yash gaave ।
As kahi Shripati kanth lagaave ॥
Sankadhik Brahmaadi Muneesa ।
Narad Sarad sahit Aheesa ॥
Yam Kuber Dikpaal Jahan te ।
Kavi kovid kahi sake kahan te ॥
Tum upkar Sugreevahin keenha ।
Ram milaye rajpad deenha ॥ 16 ॥
Tumhro mantra Vibheeshan maana ।
Lankeshwar Bhaye Sab jag jana ॥
Yug sahasra yojan par Bhanu ।
Leelyo tahi madhur phal janu ॥
Prabhu mudrika meli mukh mahee ।
Jaladhi langhi gaye achraj nahee ॥
Durgam kaj jagat ke jete ।
Sugam anugraha tumhre tete ॥ 20
Ram duwaare tum rakhvare ।
Hot na agya binu paisare ॥
Sab sukh lahai tumhari sarna ।
Tum rakshak kahu ko darna ॥
Aapan tej samharo aapai ।
Teenon lok hank te kanpai ॥
Bhoot pisaach Nikat nahin aavai ।
Mahavir jab naam sunavai ॥ 24
Nase rog harae sab peera ।
Japat nirantar Hanumat beera ॥
Sankat se Hanuman chhudavai ।
Man Kram Vachan dhyan jo lavai ॥
Sab par Ram tapasvee raja ।
Tin ke kaj sakal Tum saja ॥
Aur manorath jo koi lavai ।
Soi amit jeevan phal pavai ॥ 28
Charon jug partap tumhara ।
Hai parsiddh jagat ujiyara ॥
Sadhu Sant ke tum Rakhware ।
Asur nikandan Ram dulare ॥
Ashta siddhi nav nidhi ke data ।
As var deen Janki mata ॥
Ram rasayan tumhare pasa ।
Sada raho Raghupati ke dasa ॥ 32
Tumhare bhajan Ram ko pavai ।
Janam janam ke dukh bisraavai ॥
Antkaal Raghuvar pur jayee ।
Jahan janam Hari Bhakt Kahayee ॥
Aur Devta Chitt na dharahin ।
Hanumat sei sarv sukh karahin ॥
Sankat kate mite sab peera ।
Jo sumirai Hanumat Balbeera ॥ 36
Jai Jai Jai Hanuman Gosain ।
Kripa Karahun Gurudev ki nayin ॥
Jo shat bar path kare koi ।
Chhutahin bandi maha sukh hoi ॥
Jo yeh padhe Hanuman Chalisa ।
Hoye siddhi saakhi Gaureesa ॥
Tulsidas sada hari chera ।
Keejai Nath Hriday mahn dera ॥ 40
॥ Doha ॥
Pavan Tanay Sankat Harana,
Mangala Murati Roop ।
Ram Lakhan Sita Sahita,
Hriday Basahu Soor Bhoop ॥
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हनुमान चालीसा अर्थ के साथ | Hanuman Chalisa with Meaning

हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ के साथ | Hanuman Chalisa Hindi Meaning
हनुमान चालीसा हिंदी अर्थ के साथ
|| दोहा ||
श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि |
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि ||
Hindi Meaning : “श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला है।”
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन-कुमार |
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार ||
हिंदी अर्थ : “हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए।”
|| चौपाई ||
जय हनुमान ज्ञान गुण सागर,
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥1॥
हिंदी अर्थ : “श्री हनुमान जी!आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों, स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।”
राम दूत अतुलित बलधामा,
अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥
हिंदी अर्थ : “हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नहीं है।”
महावीर विक्रम बजरंगी,
कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥
Hindi Meaning : “हे महावीर बजरंग बली!आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी, सहायक है।”
कंचन बरन बिराज सुबेसा,
कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥
हिंदी अर्थ : “आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।”
हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे,
काँधे मूँज जनेऊ साजै॥5॥
हिंदी अर्थ : “आपके हाथ में बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।”
शंकर सुवन केसरी नंदन,
तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥
Hindi Meaning : “हे शंकर के अवतार!हे केसरी नंदन आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर में वन्दना होती है।”
Hanuman Chalisa Hindi Meaning

विद्यावान गुणी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर॥7॥
हिंदी अर्थ : “आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है।”
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया,
राम लखन सीता मन बसिया॥8॥
Hindi Meaning : “आप श्री राम चरित सुनने में आनन्द रस लेते है।श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में बसे रहते है।”
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा,
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥9॥
हिंदी अर्थ : “आपने अपना बहुत छोटा रूप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके लंका को जलाया।”
भीम रूप धरि असुर संहारे,
रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥
हिंदी अर्थ : “आपने विकराल रूप धारण करके राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उद्देश्यों को सफल कराया।”
लाय सजीवन लखन जियाये,
श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥
हिंदी अर्थ : “आपने संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।”
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई,
तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥
हिंदी अर्थ : “श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।”
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं,
अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥13॥
Hindi Meaning : “श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।”
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा,
नारद, सारद सहित अहीसा॥14॥
हिंदी अर्थ : “श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।”
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते,
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥15॥
हिंदी अर्थ : “यमराज, कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।”
हनुमान चालीसा हिंदी में

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा,
राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥
हिंदी अर्थ : “आपने सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया , जिसके कारण वे राजा बने।”
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना,
लंकेस्वर भए सब जग जाना॥17॥
हिंदी अर्थ : “आपके उपदेश का विभीषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।”
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू,
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥
Hindi Mein : “जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है की उस पर पहुँचने के लिए हजार युग लगे।दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया।”
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि,
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥
हिंदी अर्थ : “आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुँह में रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।”
दुर्गम काज जगत के जेते,
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥
हिंदी अर्थ : “संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।”
राम दुआरे तुम रखवारे,
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥21॥
हिंदी अर्थ : “श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप रखवाले है, जिसमें आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नहीं मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।”
सब सुख लहै तुम्हारी सरना,
तुम रक्षक काहू को डरना ॥22॥
हिंदी अर्थ : “जो भी आपकी शरण में आते है, उस सभी को आन्नद प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक है, तो फिर किसी का डर नहीं रहता।”
आपन तेज सम्हारो आपै,
तीनों लोक हाँक ते काँपै॥23॥
हिंदी अर्थ : “आपके सिवाय आपके वेग को कोई नहीं रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप जाते है।”
भूत पिशाच निकट नहिं आवै,
महावीर जब नाम सुनावै॥24॥
हिंदी अर्थ : “जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहाँ भूत, पिशाच पास भी नहीं फटक सकते।”
Hanuman Chalisa Hindi Writing

नासै रोग हरै सब पीरा,
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥25॥
हिंदी अर्थ : “वीर हनुमान जी!आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है, और सब पीड़ा मिट जाती है।”
संकट तें हनुमान छुड़ावै,
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥
Hindi Meaning : “हे हनुमान जी! विचार करने में, कर्म करने में और बोलने में, जिनका ध्यान आपमें रहता है, उनको सब संकटों से आप छुड़ाते है।”
सब पर राम तपस्वी राजा,
तिनके काज सकल तुम साजा॥27॥
हिंदी अर्थ : “तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यों को आपने सहज में कर दिया।”
और मनोरथ जो कोइ लावै,
सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥
हिंदी अर्थ : “जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन में कोई सीमा नहीं होती।”
चारों जुग परताप तुम्हारा,
है परसिद्ध जगत उजियारा॥ 29॥
हिंदी अर्थ : “चारों युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग में आपका यश फैला हुआ है, जगत में आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।”
साधु सन्त के तुम रखवारे,
असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥
हिंदी अर्थ : “हे श्री राम के दुलारे ! आप सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।”
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता॥31॥
हिंदी अर्थ : “आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते है।”
राम रसायन तुम्हरे पासा,
सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥
हिंदी अर्थ : “आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।”
तुम्हरे भजन राम को पावै,
जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥
Hanuman Chalisa Written in Hindi

हिंदी अर्थ : “आपका भजन करने से श्री राम जी प्राप्त होते है, और जन्म जन्मांतर के दुःख दूर होते है।”
अन्त काल रघुबर पुर जाई,
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥ 34॥
हिंदी अर्थ : “अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।”
और देवता चित न धरई,
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥
हिंदी अर्थ : “हे हनुमान जी!आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते है, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नहीं रहती।”
संकट कटै मिटै सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥
Hindi Meaning : “हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।”
जय जय जय हनुमान गोसाईं,
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥
हिंदी अर्थ : “हे स्वामी हनुमान जी!आपकी जय हो, जय हो, जय हो!आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।”
जो सत बार पाठ कर कोई,
छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥
हिंदी अर्थ : “जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे परमानन्द मिलेगा।”
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा,
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥ 39॥
हिंदी अर्थ : “भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है, कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।”
तुलसीदास सदा हरि चेरा,
कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥
हिंदी अर्थ : “हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए।”
|| दोहा ||
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुरभुप॥
हिंदी अर्थ : “हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरूप है। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए।”
How to recite Hanuman Chalisa (Hindi)

हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें?
हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है.
मंगलवार का दिन हनुमान चालीसा के पाठ के लिए उत्तम होता है. क्योंकि मंगलवार को महावीर श्री बजरंगबली हनुमान जी का दिन माना गया है. इसलिए मंगलवार को तो हनुमान चालीसा का पाठ अवस्य ही करना चाहिए.
सनिवार के दिन भी हनुमान चालीसा का पाठ अवस्य करना चाहिए.
प्रातः काल और संध्या काल का समय श्री हनुमान चालीसा के पाठ के लिए बहुत ही शुभ होता है.
सर्व प्रथम स्नान आदि कर लें.
उसके पश्चात किसी शुद्ध आसन पर बैठें.
हनुमान जी की मूर्ती या तस्वीर को अपने सामने किसी लाल कपड़े के आसन पर स्थापित करें.
गंगा जल से खुद को और अपने चारों ओर को शुद्ध करें.
धुप दीप प्रज्वल्लित करें.
हनुमान जी को लाल चन्दन अर्पित करें.
उसके पश्चात हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें.
फिर हनुमान जी को पुष्प अर्पित करें.
पुष्प माला अर्पित करें.
फिर हनुमान जी को नैवेद्द आदि अर्पित करें.
पान अर्पित करें.
उसके पश्चात सम्पूर्ण रूप से एकाग्र होकर हनुमान चालीसा का पाठ करें.
हनुमान चालीसा के पाठ के समय अपना ध्यान सिर्फ हनुमान जी पर केन्द्रित रखें.
चालीसा के पाठ के समय मन में हनुमान जी के प्रति सम्पूर्ण श्रद्धा और बिस्वास रखें.
हनुमान चालीसा पाठ के पश्चात हनुमान जी की आरती करें.
Benefits of Hanuman Chalisa

हनुमान चालीसा के पाठ से लाभ
सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान चालीसा ( Hanuman Chalisa ) का पाठ करने से मनुष्य को हनुमान जी की कृपा की प्राप्ति होती है.
हनुमान जी की कृपा से मनुष्य का सभी प्रकार के संकटों से बचाव होता है.
सभी प्रकार के संकटों से महावीर बजरंगबली हनुमान जी अपने भक्तों की रक्षा करतें हैं.
दुष्ट नकारात्मक शक्तियों से हनुमान जी अपने भक्तों की रक्षा करतें हैं.
हनुमान चालीसा ( Hanuman Chalisa ) का नियमित पाठ करने से चारों ओर सकारात्मक उर्जा ( Positive Energy ) प्रवाहित होती है.
नकारात्मकता का नाश होता है.
रोगों और कष्टों से महावीर हनुमान जी क कृपा से मुक्ति मिलती है.
मनुष्य के आत्म बिस्वास में बृद्धि होती है.
निवेदन
हनुमान चालीसा के प्रकाशन में हमने सम्पूर्ण रूप से सावधानी रखी है. परन्तु फिर भी अगर कहीं कोई त्रुटी आप लोगों को लगे. तो आप कृपया कर हमें कमेंट बॉक्स में लिखें. ताकि हम उसे सुधार सकें.
आप अपने सुझाव और सलाह हमें कमेंट के माध्यम से दे सकतें हैं.
बजरंगबली हनुमान जी से संबंद्धित गर कोई अनुभव हो तो हमें कमेंट के माध्यम से जरुर बताएं. हम उसे दुनिया के अन्य लोगों तक पहुंचाएंगे.
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